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सौरमंडल सामान्य ज्ञान (Solar System GK in Hindi):-


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  प्रातियोगी परीक्षाओ में पूछे गए सौरमंडल GK महत्वपूर्ण प्रश्न :-

Hello  दोस्तों आज हम लोगो को GK के महत्वपूर्ण टॉपिक सौरमंडल के महत्वपूर्ण प्रश्नों को प्रकाशित कर रहे है जिसमे की परीक्षा में पूंछे गए प्रश्नों तथा विभिन्न प्रकार के अध्ययन सामग्रियों का अध्ययन कर प्रश्नों का समावेश कर आप लोगो को हिन्दी में प्रसारित कर रहे है |


v सौरमंडल ( solar system):-    सूर्य के चारो ओर चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों ,क्षुद्रग्रहों ,धूमकेतुओं ,उल्काओं ,तथा अन्य आकाशीय पिण्डों के समूह या परिवार को सौर मंडल कहते हैं |

Ø सौरमंडल के समस्त उर्जा का स्रोत सूर्य है |
Ø सौरमंडल में सूर्य का द्रव्यमान 99.97% है |
Ø सूर्य से दिखाई देने वाले सतह को ‘प्रकाश मंडल’ कहते है |
Ø ग्रहों के पास अपना प्रकाश नहीं होता है |
Ø सभी ग्रह सूर्य के चारो तरफ दीर्घ वृतीय पथ पर चक्कर लगते है |
Ø सभी ग्रह पश्चिम से पूर्व दिशा में चक्कर लगाते है |
Ø सौरमंडल में कुल 8 ग्रह है |
NOTE- शुक्र एवं अरुण पूर्व से पश्चिम दिशा में चक्कर लगते है |

NOTE- आकर के अनुसार ग्रहों का अवरोही क्रम ( घटते क्रम में )
              वृहस्पति ,शनि ,अरुण ,वरुण ,पृथ्वी ,शुक्र ,मंगल एवं वुध
Ø सबसे बड़ा ग्रह वृहस्पति एवं सबसे छोटा ग्रह बुध है |
NOTE – सूर्य से दुरी के अनुसार ग्रहों का क्रम       बुद्ध,शुक्र ,पृथ्वी ,मंगल   बृहस्पति ,शनि ,अरुण एवं वरुण
Ø सूर्य के सबसे निकट का ग्रह बुद्ध है |
Ø सूर्य के सबसे दूर का ग्रह वरुण है |

v सूर्य (sun)
Ø सूर्य एक तारा है |
Ø सूर्य सौर मंडल का प्रधान है |
Ø सूर्य हमारी मंदाकिनी दुग्धमेखला के केंद्र से लगभग 30,000 प्रकाश वर्ष की दुरी पर स्थित है |
Ø इसका परिक्रमण काल ( दुग्धमेखला के चारो ओर )25 करोड़ वर्ष है ,जिसे ब्रह्माण्ड वर्ष कहते है |
Ø सूर्य एक गैसीय गोला है जिसमे हैड्रोजन 71% हीलियम 26.5% एवं अन्य तत्व 2.5% होता है |
Ø सूर्य के केन्द्रीय भाग क्रोड कहलाता है |
Ø सूर्य के वाहरी सतह का तापमान 6000 0 C होता है |
Ø सूर्य के केंद्र पर नाभकीय संलयन होता है जो सूर्य के उर्जा का स्रोत है |
Ø सूर्य की त्रिज्या 6 लाख 96 हजार किलोमीटर है |
Ø सूर्य का व्यास पृथ्वी के व्यास का 110 गुना है |
Ø सूर्य हमारी पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है |
Ø सूर्य की उम्र 5 बिलियन वर्ष है |
Ø सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर पहुँचने में 8 मिनट 16.6 सेकेंड लगता है |
NOTE-(1)पृथ्वी को सूर्यताप का 2 अरबवा भाग ही मिलता है |
       (2) सूर्य अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर घूमता है |

v बुद्ध (Mercury)
Ø यह सूर्य के सबसे निकट एवं सबसे छोटा ग्रह है |
Ø बुद्ध सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय केवल 88 दिन में पूरा करता है |
Ø बुद्ध अपनी धुरी पर एक चक्कर (घूर्णन काल ) सिर्फ 59 दिन में पूरा करता है |
Ø इसका कोई उपग्रह नहीं है |
Ø यह पृथ्वी के आकर से 18 गुना छोटा है |
Ø इसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी का 3/8 वॉ भाग है |
Ø बुद्ध का तापान्तर सभी ग्रहों में अधिक 600C है |

v  शुक्र (Venus)
Ø बुद्ध के बाद सूर्य का निकटतम ग्रह है |
Ø शुक्र पृथ्वी के सबसे निकट का ग्रह है |
Ø  शुक्र आकार,घनत्व तथा भार में पृथ्वी के लगभग बराबर इसलिए इसे पृथ्वी की भगिनी (बहिन)तथा पृथ्वी का जुड़वाँ कहते है |
Ø शुक्र सबसे चमकीला तथा सबसे गर्म ग्रह है |
Ø शुक्र का सबसे अधिक तापमान 730K है |
Ø शुक्र ग्रह को साँझ का तारा या भोर का तारा कहते है |
Ø शुक्र सूर्य का 225 दिन में एक चक्कर लगाता है |
Ø शुक्र अपने धुरी पर एक चक्कर 243 दिन में पूरा कर लेता है |
Ø शुक्र पूर्व से पश्चिम दिशा(Clack wise) में घूर्णन करता है |
Ø इसका कोई उपग्रह नहीं है |
Ø शुक्र को प्रेसर कुकर ग्रह के नाम से जाना जाता है |
Ø शुक्र ग्रह को सुन्दरता की देवता भी कहते है |
Ø शुक्र ग्रह के धरातल से 80 km ऊंचाई पर सल्फ्यूरिक एसिड के जमे हुए बादल है |
Ø शुक्र ग्रह का वायुमंडल लगभग 97% कार्बन डाई आँक्साइड से भरा हुआ है |
Ø शुक्र ग्रह का वायुमंडलीय दाब पृथ्वी के वायुमंडलीय दाब से 90 गुना ज्यादा है |
Ø शुक्र ग्रह का सूर्य से औसत दुरी 10 करोड़ 82 लाख किमी है |
v  पृथ्वी (Earth)
Ø पृथ्वी सूर्य से दुरी के अनुसार तीसरा ग्रह है |
Ø पृथ्वी आकर में पांचवां सबसे बड़ा ग्रह है |
Ø पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह चन्द्रमा है |
Ø पृथ्वी की सूर्य से औसत दुरी 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार 5 सौ किमी है |
Ø सूर्य से इसकी निकटतम दुरी 14.73 करोड़ किमी तथा अधिक्तम दुरी 15.2 करोड़ किमी है |
Ø पृथ्वी का विषुवत् रेखीय व्यास 12,756  किमी तथा ध्रुवी व्यास लगभग 12714 किमी है |
Ø पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा 1,07,160 किमी प्रति घंटे की गति से 365.25636 या 365 ¼ दिन में पूरा करती है |
Ø पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1610 किमी प्रति घंटे की चाल से  23 घंटे 56 मि० 4 से० में एक चक्कर पूरा करती है |
Ø पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है |
Ø पृथ्वी के घूर्णन गति या दैनिक गति के कारण दिन रात होता है |
Ø पृथ्वी का द्रव्यमान 5.976X 1024  किग्रा है |
Ø सौरमंडल का अकेला ऐसा ग्रह जहाँ जीवन है |

v  मंगल (Mars)
Ø यह सूर्य से दुरी के अनुसार चौथा ग्रह है |
Ø मंगल ग्रह सौरमंडल का दूसरा छोटा ग्रह है |
Ø मंगल ग्रह, पृथ्वी का दूसरा पड़ोसी ग्रह है |
Ø इसके मिट्टी में लौह आँक्साइड पाया जाता है |
Ø मंगल ग्रह को लाल ग्रह भी कहते है |
Ø मंगल ग्रह सूर्य की परिक्रमा 686 दिन में पूरा करता है |
Ø यह अपने अक्ष या धुरी पर एक चक्कर लगाने में 24.7 घंटा लगता है |
Ø मंगल ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी के मात्र एक तिहाई के बराबर है |
Ø मंगल ग्रह का सबसे ऊँचा पर्वत निक्स ओलम्पिया है जो ऐवरेस्ट से तीन गुना ऊँचा है |
Ø मंगल ग्रह पर सबसे बड़ा ज्वालामुखी आलम्पस मोंस है |
Ø मंगल ग्रह पर वायुमंडलीय दाब बहुत कम है|
Ø मंगल ग्रह के वायुमंडल का 95% भाग कार्बन डाई ऑक्साइड से बना है |
Ø मंगल ग्रह के दो उपग्रह, फोबोस डिमोस है |
   NOTE- डिमोस सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है |
v  बृहस्पति (Jupiter)
Ø यह सूर्य से दुरी के अनुसार पांचवां ग्रह है |
Ø बृहस्पति सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है |
Ø बृहस्पति सौरमंडल का सबसे भरी ग्रह है |
Ø इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 318 गुना है |
Ø यह ठण्डा ग्रह है इसके वायुमंडल का तापमान -1250 C रहता है |
Ø  इसका गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से 5 गुना अधिक है |
Ø बृहस्पति को अपनी अक्ष या धुरी पर एक चक्कर लगाने में सबसे कम समय  9.8 घंटा लगता है |
Ø मंगल ग्रह को सूर्य की परिक्रमा करने में 11.9 वर्ष लगता है |
Ø वृहस्पति के 67 उपग्रह है जिसमे गैनिमीड सबसे बड़ा उपग्रह है |
  NOTE- (1)गैनिमीड सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है |
              (2) यह पीले रंग का उपग्रह है इसे ग्रहों का देवता भी कहते है |

v  शनि (Saturn)
Ø यह आकर में दूसरा सबस बड़ा ग्रह है |
Ø शनि सूर्य से दुरी के अनुसार छठा ग्रह है |
Ø यह सूर्य की परिक्रमा 29.5 वर्ष में पूरा करता है |
Ø यह अपनी धुरी पर एक चक्कर 10.2 घंटा में पूरा करता है |
Ø इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान से 95 गुना अधिक है |
Ø शनि ग्रह के चारो तरफ 10 वलय पाए जाते है |
Ø शनि ग्रह का घनत्व सौरमंडल में सभी ग्रहों से कम है |
Ø शनि के अभी तक 62 उपग्रह है |
Ø शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है |
NOTE- सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है |

v  अरुण ( Uranus )
Ø अरुण आकर में तीसरा सबसे बड़ा उपग्रह है |
Ø यह सूर्य से दुरी के अनुसार सातवाँ ग्रह है |
Ø इसे सूर्य की परिक्रमा करने में 84 वर्ष लगता है |
Ø यह अपने धुरी पर 10.8 घंटे में एक चक्कर लगाता है |
Ø यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की तरफ(दक्षिणावर्त)घूमता है |
Ø अरुण ग्रह को लेटा हुआ ग्रह भी कहते है |
Ø इसका तापमान लगभग -2250 C होता है |
Ø अरुण ग्रह के 27 उपग्रह है |
v  वरुण ( Neptune )
Ø यह आकर में चौथा सबसे बड़ा ग्रह है |
Ø यह सूर्य से दुरी के अनुसार आठवाँ एवं अन्तिम ग्रह है |
Ø सूर्य से इसकी दुरी 450 करोड़ 5 लाख किमी है |
Ø इसका व्यास 49,000 किमी है |
Ø यह अपनी धुरी पर 15.8  घंटे में एक चक्कर लगाता है |
Ø वरुण को सूर्य की परिक्रमा करने में 165 वर्ष लगता है जो की सबसे ज्यादा समय लेता है |
Ø इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 17.2 गुना है |
Ø वरुण ग्रह के 14 उपग्रह है |

v  चन्द्रमा ( Moon )
Ø  चन्द्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है |
Ø चंद्रमा का व्यास 3480 किमी है |
Ø चंद्रमा की पृथ्वी से औसत दुरी 382 हजार किमी है |
Ø चंद्रमा को जीवाश्म ग्रह भी कहते है |
Ø चन्द्रमा की पृथ्वी से निकटतम दुरी 364 हजार किमी तथा अधिकतम दुरी 406 हजार किमी है |
Ø चन्द्रमा की सतह और उसके आतंरिक अध्ययन करने वाले विज्ञान को सेलेनोलनलॉजी कहते है |
Ø चन्द्रमा पृथ्वी के चारो ओर 27.3 दिन में और इतने ही समय में अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाता है |
Ø चन्द्रमा के परिक्रमण काल व घूर्णन काल सामान होता है |
Ø चन्द्रमा पर धुल के मैदान को शांति सागर कहते है |
Ø पृथ्वी से चंद्रमा के 57% भाग को देख सकते है |
Ø चंद्रमा का द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का  1/81 है |
Ø चंद्रमा पर वायुमंडल नहीं है |
Ø चंद्रमा से आकाश काला दिखाई देता है |
Ø चन्द्रमा की रोशनी पृथ्वी पर पहुँचने में  1.3 से० लगता है |
Ø चन्द्रमा का पलायन वेग 2.38 km/s होता है |
Ø चन्द्रमा को फुआर सागर भी कहते है |
Ø चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का 1/6 होता है |
Ø चन्द्रमा लगभग 400 करोड़ वर्ष पुराना है इसकी चट्टानों में टाइटेनियम की मात्रा सर्वाधिक है |
Ø चन्द्रमा का उच्चतम पर्वत लिबनिट्ज पर्वत है |
Ø चन्द्रमा पर 14 बड़े सागर है जिसमें सबसे बड़े सागर को मेमर इब्रियन कहते है |
Ø सी आफ ट्रायकुल्टी चन्द्रमा पर पायी जाती है |

v  उपग्रह (Satellites):  वे आकाशीय पिंड जो अपने-अपने ग्रहों की परिक्रमा करते है उपग्रह कहलाते है |
Ø इनके पास भी को अपना प्रकाश नहीं होता है |
Ø इनका परिक्रमण पथ दीर्घवृतीय होता है |
Ø बुद्ध तथा शुक्र ग्रहों के उपग्रह नहीं है |
Ø सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह गैनीमीड है |
Ø सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह डिमोस है |
Ø सौरमंडल में कुल ज्ञात उपग्रहों की संख्या 173 है |
Ø सबसे ज्यादा उपग्रह वाला ग्रह वृहस्पति (67) है |
Ø उपग्रहों की संख्या – पृथ्वी (1), मंगल (2) ,वृहस्पति (67), शनि (62)अरुण (27) ,वरुण (14), बुद्ध (0), शुक्र (0)

v यम (Pluto)
Ø यम बौने ग्रह की श्रेणी में आता है |
Ø इसकी खोज 1930में क्लाड टामवो ने की थी |
Ø अगस्त 2006 की आई० ए० यू० की प्राग सम्मेलन में ग्रह के मापदंड पर खरे न उतरने के कारण यम को ग्रह की श्रेणी से अलग कर बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया |
Ø यम को ग्रह की श्रेणी से निकाले जाने का कारण
(1) आकार में चन्द्रमा से छोटा होना |
(2) इसकी कक्षा का वृत्ताकार न होना |
(3) वरुण की कक्षा को कटना |

v  धूमकेतु (Comet)
Ø सौरमंडल के एक छोर पर बहुत ही छोटे-छोटे पिण्ड विद्यमान है जो धूमकेतु या पुच्छल तारे कहलाते है |
Ø  यह गैस एवं धुल का संग्रह है जो आकाश में लम्बी चमकदार पूंछ सहित प्रकाश के चमकीले गोले के रूप में दिखाई देते है |
Ø धूमकेतु केवल तभी दिखाई पड़ता है जब वह सूर्य की ओर अग्रसर होता है सूर्य किरण इसकी गैस को चमकीला बना देती है |
Ø हैले नामक धूमकेतु का परिक्रमण काल 76 वर्ष है , यह अन्तिम बार 1986 ई० में दिखाई दिया था अगली बार यह 2062 में दिखाई देगा |

v क्षुद्रग्रह (Asteroids)
Ø सूर्य की परिक्रमा करने वाले विभिन्न आकारों के चट्टानी मलवे (rocky debris) जो मुख्यतः वृहस्पति और मंगल की कक्षाओ के मध्य की 547 मिलियम किमी की पट्टी में विचरण करते है क्षुद्रग्रह कहलाते है |
Ø अन्तरिक्ष में करीब 40,000 क्षुद्रग्रह है |
Ø फोर वेस्टा नामक क्षुद्रग्रह एकमात्र ऐसा है जिसे नंगी आँखों से देखा जा सकता है |
Ø चिरांन नामक क्षुद्रग्रह शनि तथा अरुण के बीच चक्कर लगाती है|
Ø इन्हें लघु ग्रह, अवांतर ग्रह नानो से जाना जाता है |

v उल्का (Meteors)
Ø उल्काए प्रकाश की चमकीली धारी के रूप में दिखाई देती है जो आकाश में क्षण भर के लिए दमकती है और लुप्त हो जाती है | उल्काए क्षुद्र ग्रहों के टुकड़ो तथा धूमकेतुओ द्वारा पीछे छोड़े गये धुल के कण होता है |

















































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































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